मेरा पहला प्यार
ममता की मूरत
भोली सी सूरत
सुबह से शाम तक काम ही काम
मैने देखा है आंचल में दूध
आंखों में पानी
ममता का भरा हुआ है समंदर
बहुत निराली सबसे प्यारी
गिना नही सकता कि
मां तुम कितनी प्यारी हो
प्यार दिया संसार दिया है मां ने
सच कहता हूं सज्जनों
मेरा पहला प्यार
मां पर ही न्यौछावर है।
जहां आपस में परस्पर होता है प्यार
वही तो स्वर्ग है प्यारें
जहां प्यार नही है आपस में
वहां कुछ भी नही है
रिश्तों में परम रिश्तें का नाम है प्यार
आदमी तो सिर्फ तर्क कर सकता है
पर जहां प्यार होता है
वही होता है ईश्वर का वास।
इसीलिए तो कहता हूं सज्जनों
मेरा सच्चा प्यार
मेरे परिवार पर न्यौछावर है।
नूतन लाल साहू
Gunjan Kamal
24-Jun-2023 11:56 PM
👏👌
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वानी
24-Jun-2023 07:27 AM
Nice
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Haaya meer
27-May-2023 07:10 PM
Nice
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